नूतन.. एक ऐसी अभिनेत्री जिसने हासिल किया हर मुकाम पर दर्दनाक रहा अंत..
नूतन का जन्म 4 जून 1936 को एक मराठी परिवार में निर्देशक-कवि कुमारसेन समर्थ और अभिनेत्री शोभना समर्थ के यहाँ हुआ था.
उनके लिए सफलता की धारा 1957 में आई फिल्म 'सीमा' से शुरू हुई, जिसने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पहला फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया.
पेइंग गेस्ट, अनाड़ी, सुजाता, छलिया, सरस्वती चंद्र, तेरे घर के सामने, देवी और मैं तुलसी तेरे आंगन की उनकी सर्वश्रेष्ठ फ़िल्में रही.
अपने जीवनकाल में, नूतन ने केवल एक धारावाहिक में अभिनय किया, जो छोटे पर्दे पर प्रसारित हुआ, मुजरिम हाज़िर.
नूतन ने वर्ष 1959 में नेवल लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से शादी की, लेकिन कहा जाता हैं कि नूतन को पारिवारिक सुख ज्यादा नहीं मिला.
नूतन की इकलौती संतान मोहनीश बहल का जन्म 1961 में हुआ; वह हिंदी फिल्म उद्योग में एक प्रसिद्ध अभिनेता बन गए.
उनके नाम सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए 5 फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड है। ये सीमा, सुजाता, बंदिनी, मिलन और मैं तुलसी तेरे आंगन की फिल्मों के लिए थे.
नूतन को 1974 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया, यह भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है.
प्रसिद्ध मराठी लेखिका ललिता तम्हाणे ने नूतन के जीवन पर नूतन के नाम से एक किताब लिखी है- 'आसन मी नसेन मी'.
21 फरवरी 1991 को ब्रेस्ट कैंसर के कारण नूतन का निधन हो गया, इसके साथ ही सिनेमा के एक युग का अंत हो गया.. उनकी दो फिल्में, नसीबवाला और इंसानियत 1992 और 1994 में उनके निधन के बाद रिलीज़ हुईं.