नर्मदा नदी की उत्पत्ति की ये कहानियां शायद आप भी नहीं जानते होंगे
ब्रेक फैल होने पर क्या करें?
विश्वनाथ प्रताप सिंह
नर्मदा नदी को भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है।
ब्रेक फैल होने पर क्या करें?
विश्वनाथ प्रताप सिंह
नदी का उद्गम स्थल नर्मदा कुंड नामक एक छोटा जलाशय है, जो पूर्वी मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ी अनुपपुर जिले में
स्थित है।
ब्रेक फैल होने पर क्या करें?
विश्वनाथ प्रताप सिंह
पुराणों के अनुसार, सूर्य (सूर्य देव) और छाया की पुत्री देवी तपती ने देवी नर्मदा के रूप में पुनर्जन्म लिया था।
ब्रेक फैल होने पर क्या करें?
सूर्यदेव ने उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा कि इसके बाद वह विंध्य पर्वत से पश्चिम की ओर नर्मदा नामक नदी के रूप में बहेंगी।
एक अन्य किंवदंती का दावा है कि ऋक्ष पर्वत पर शिव की तपस्या से निकले पसीने से नर्मदा का निर्माण हुआ, यही कारण है कि उन्हें शिव की पुत्री कहा जाता है।
एक अन्य पौराणिक कथा में कहा गया है कि ब्रह्मा ने अपनी आँखों से दो आँसू बहाए, जिसके परिणामस्वरूप नर्मदा और सोन नदियाँ बनीं।
महाभारत में नर्मदा नदी का कई बार उल्लेख किया गया है और नारद मुनि ने इसे गंगा और सरस्वती के समान पवित्र बताया है। नर्मदा को अग्नि (अग्नि) का उद्गम भी माना जाता है।
ऋषि कपिल नर्मदा के पहले झरने के पास ध्यान करते थे, इसलिए इसे कपिलधारा नाम दिया गया।