हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है।
अश्विन माह की अष्टमी तिथि तक कुल 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है।
इस वर्ष 11 सितंबर से महालक्ष्मी व्रत शुरू और 24 सितंबर को यह व्रत पूर्ण होगा।
महालक्ष्मी व्रत 16 दिनों तक रखा जाता है। यह निर्जला व्रत नहीं होता, लेकिन अन्न ग्रहण करने की मनाही होती है।इस व्रत को फलाहार रखकर किया जा सकता है।
महालक्ष्मी व्रत धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है।जो व्यक्ति 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत रखकर लक्ष्मी जी की उपासना करता है मां लक्ष्मी उससे प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.
– घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।– घर-परिवार में चल रहे विवाद खत्म होते हैं।– धन दौलत की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को पैसे की चिंता नहीं रहती।– आर्थिक तंगी से परेशान लोगों को मां लक्ष्मी सही रास्ता दिखाती हैं।
यदि कोई भी 16 दिनों तक व्रत रखने में असमर्थ हैं,तो शुरुआत के 3 या आखिर के 3 दिनों का व्रत श्रद्धापूर्वक रख सकते हैं