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महाकुंभ महापर्व का साधु-संत बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस बार महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। वहीं, इसका समापन 26 फरवरी को होगा।
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प्रयागराज महाकुंभ का बहुत ज्यादा महत्व है, क्योंकि प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है। जो विश्वभर में प्रसिद्ध है।
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धार्मिक मान्यता के मुताबिक, महाकुंभ में स्नान करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पापों से छुटकारा मिलता है तथा पुण्य की प्राप्ति होती है।
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हिंदू धर्म के लिए प्रयागराज का संगम बहुत पवित्र माना जाता है। इस त्रिवेणी संगम पर स्नान करने को शाही स्नान के नाम से जाता है।
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शाही स्नान के लिए साधु और संत अधिक संख्या में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं, जिससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।
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महाकुंभ में साधु और संत का स्नान सम्मान के साथ कराया जाता है। इस कारण इसे शाही स्नान कहा जाता है। साधु और संत के बाद श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर स्नान करते हैं।
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धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ, कुंभ और अर्धकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के सभी पाप खत्म होते हैं।
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