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MahaKumbh 2025

(image credit: Meta AI)

13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ के लिए प्रयागराज तैयार हो रहा है। साधु संतों का नगर प्रवेश भी हो चुका है। 

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महाकुंभ भारतीय संस्कृति का महापर्व है और इस महाकुंभ में देशभर से साधु संत धर्म और आध्यात्म में लीन रहेंगे।

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वहीं संगम तट पर वेद अध्ययन करने के लिए 20 हजार से अधिक बटुकों की आवश्यकता होगी। 

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जिसके लिए प्रयागराज के साथ-साथ अन्य शहरों के वेद विद्यालयों के वेदपाठियों को आमंत्रित किया जा रहा है। 

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वहीं अपने अपने शिविरों को वैदिक संस्कृति के ताने बाने पिरोने में साधु संत लगे हुए हैं। 

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धर्माचार्यों और अखाड़ों के महामंडलेश्वरों के शिविरों में कथा, भागवत और प्रवचन की त्रिवेणी के साथ वेद मंत्रों की गंगा प्रवाहित करने की तैयारी हो रही है।

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इसके लिए वेद विद्यालयों में अध्ययन करने वाले बटुकों की वेद पाठ के लिए पहले से व्यवस्था की जा रही है।

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बताया जा रहा है कि इस आयोजन से भारत की वैदिक संस्कृति को प्रचार प्रसार और नई पीढ़ी को समझने का अवसर मिलेगा।

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