Maha Kumbh 2025: क्या आप जानते हैं कि महाकुंभ के बाद नागा साधु कहां चले जाते हैं?...
(image credit: MahaKumbh 2025 X Handle)
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में देश के कोने-कोने से नागा साधु आए हैं और कुंभ में ये नागा साधु विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं।
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महाकुंभ में नागा साधु दो विशेष अखाड़ों से आते हैं। एक अखाड़ा है वाराणसी का महापरिनिर्वाण अखाड़ा और तो दूसरा पंच दशनाम जूना अखाड़ा।
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परंतु महाकुंभ के बाद ये नागा साधु दिखाई नहीं देते। ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि आखिर ये कहां चले जाते हैं?
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नागा साधु अन्य दिनों में दिगंबर अर्थात् निर्वस्त्र नहीं रहते हैं। क्योंकि समाज में दिगंबर स्वरूप स्वीकार्य नहीं है।
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जब महाकुंभ का समापन हो जाता है तो उसके बाद नागा साधु अपने-अपने अखाड़ों में लौट जाते हैं।
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नागा साधु इन अखाड़ों में ध्यान और साधना करने के साथ ही धार्मिक शिक्षा भी देते हैं।
(image credit: Meta AI)
वहीं अधिकांश नागा साधु हिमालयों, जंगलों और अन्य किसी एकांत स्थानों में तपस्या के लिए चले जाते हैं।
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कुंभ के बाद नागा साधु तीर्थ स्थलों पर भी रहते हैं। इनका प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में बसेरा रहता है।
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