भगवान श्रीकृष्ण की क्रीडा स्थली कहलाने वाले वृंदावन में श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम के अनगिनत किस्से और कहानियां सुनने को मिल जाएंगे. वहीं, वृंदावन का प्रेम मंदिर अटूट प्रेम का प्रतीक है।
वृंदावन के छटीकरा मार्ग स्थित प्रेम मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम की निशानी है।
कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण और राधा के साथ-साथ मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम और माता सीता के प्रेम का प्रतीक भी इस मंदिर को माना जाता है।
मंदिर को इतना भव्य और दिव्य बनाया गया है कि इस मंदिर में आकर एक बार राधा कृष्ण की छवि के दर्शन कर लेता है वह भक्ति में लीन हो जाता है।
मंदिर प्रांगण में राधा कृष्ण की लीलाओं को खूबसूरत तरीके से चित्रित किया गया है। साथ ही कृष्ण लीला के मंचन आकृतियों को भी मंदिर के प्रांगण में लगाया गया है।
प्रेम मंदिर का निर्माण 2001 में शुरू हुआ और मंदिर 2012 में बनकर तैयार हुआ। मंदिर को बनने में करीब 11 वर्ष का समय लगा और मंदिर के निर्माण में इटली के पत्थर का उपयोग किया गया है।
यही नहीं, रात में जगमगाती रंग बिरंगी लाइटें श्रद्धालुओं के मन को और भी आकर्षित करती हैं और हर 30 सेकेंड में मंदिर की लाइटें अपना रंग भी बदलती हैं।