नई प्रतिमा के हाथ में तलवार की जगह संविधान,जानें और क्या बदलाव हुए
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में हाल ही में अनावरण की गई लेडी जस्टिस की प्रतिमा।
यह संवैधानिक न्याय, जागरूकता और समावेशिता पर जोर देते हुए औपनिवेशिक परंपराओं से आधुनिक मूल्यों की ओर बदलाव का प्रतीक है।
ये बदलाव मुख्य न्यायाधीश Justice DY Chandrachud के नेतृत्व में शुरू किए गए थे, जिसका उद्देश्य न्यायपालिका को आधुनिक बनाना और औपनिवेशिक विरासत से दूर जाना था।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में खुली आंखों वाली लेडी जस्टिस की प्रतिमा आधुनिक मूल्यों और सिद्धांतों को दर्शाते हुए, समाज में न्याय की भूमिका के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण का प्रतीक है।
पुरानी मूर्ति में तलवार कानून लागू करने और सज़ा देने की शक्ति का प्रतीक है। संविधान धारण करने वाली नई प्रतिमा संवैधानिक आधार के साथ न्याय पर केंद्रित है।
इसके साथ ही ‘न्याय की देवी’ (Lady of Justice) ने पश्चिमी लिबास की बजाय अब साड़ी पहनी है, जो भारतीय सांस्कृतिक पहचान को दर्शाता है।
नई मूर्ति के एक हाथ में अब कानून की किताब या संविधान की पुस्तक है।
मूर्ति के दाएं हाथ में तराजू बरकरार रखा गया है, क्योंकि यह समाज में संतुलन का प्रतीक है।