Kumbh Mela 2025 Kalpvas Niyam: कुंभ के दौरान कल्पवासी को कितनी बार गंगा स्नान करना चाहिए? जानें
(image credit: Meta AI)
प्रयागराज महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु संगम पर डुबकी लगाने पहुंचे हुए हैं।
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प्रयागराज में महाकुंभ के पहले दिन करीब एक करोड़ लोगों ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान किया है।
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वहीं महाकुंभ के दौरान कई श्रद्धालु कल्पवास व्रत रखते हैं, जो बहुत पुरानी परंपरा मानी जाती है।
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कहा जाता है कि कल्पवास व्रत से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही पापों का नाश और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
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महाकुंभ के दौरान कल्पवास का महत्व अधिक होता है। इस व्रत का पालन करने से 100 वर्षों तक बिना अन्न ग्रहण किए तपस्या करने के समान फल मिलता है।
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कल्पवास की अवधि एक रात से लेकर 12 वर्ष तक हो सकती है। कल्पवास व्रत के लिए ये नियम अनिवार्य हैं।
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व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन, सत्य का पालन, सभी के प्रति दयाभाव, ब्रह्म मुहूर्त में जागना और व्रतधारी को प्रतिदिन तीन बार गंगा स्नान करना चाहिए।
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