हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का बहुत महत्व है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ के रूप में मनाने की परंपरा है।
इस दिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु, सुहाग की सलामति के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
सूर्योदय के साथ शुरू होने वाला करवा चौथ व्रत, रात में चंद्रमा की पूजा के बाद पति के हाथों पानी पीकर खत्म होता है।
व्रत खोलने से पहले पत्नियां छलनी से चांद देखती हैं और पति की आरती उतारती हैं।
करवा चौथ गणेशजी, करवा माता को समर्पित होता है। तो आइए जानते हैं इस साल यह व्रत कब और उसका शुभ मुहुर्त क्या है?
पंचांग के अनुसार करवा चौथ पर पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर शाम 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा। ये मुहूर्त शाम 7 बजकर 02 मिनट तक रहने वाला है। इस दौरान चांद निकलने का समय शाम 7 बजकर 44 मिनट का है।
मान्यता है कि देवी पार्वती ने भी ये व्रत किया था।
वहीं दूसरी मान्यता है कि करवा चौथ व्रत महाभारत काल में द्रौपदी ने भी किया था। जब पांडवों पर संकट के बादल मंडराए थे, तो श्रीकृष्ण के कहे अनुसार द्रौपदी ने करवा चौथ का व्रत पूजन किया था।