महाभारत में विदुर यमराज के अवतार थे। ये धर्म शास्त्र और अर्थशास्त्र के महान ज्ञाता थे। ऋषि मंदव्य के श्राप की वजह से उन्हें मनुष्य योनी में जन्म लेना पड़ा था।
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महाभारत के युद्ध में विदेशी भी शामिल थे। वास्तविक युद्ध सिर्फ पांडवों और कौरवों के बीच नहीं था बल्कि रोम और यमन की सेना भी इसका हिस्सा थी ।
एकलव्य कृष्ण का चचेरा भाई था, वह देवाश्रवा वसुदेव के भाई का पुत्र था। जो जंगल में खो गया था,रुक्मणी स्वयंवर के दौरन पिता की रक्षा करते हुए एकलव्य की मृत्यु हो गयी थी। वह कृष्ण द्वारा मारा गया था।
महर्षि वेदव्यास ने नियोग द्वारा महाभारत में धृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर को जन्म दिया। बाद में इसी नियोग द्वारा पांडु पुत्रों का भी जन्म हुआ।
कुंती पुत्र कर्ण का बचपन का नाम वसुषेण था।
चक्रव्यूह मे फंसने के बाद अभिमन्यु को 6 महारथियो ने मिलकर मारा था।
महाभारत युद्ध की समाप्ति पर अर्जुन और श्रीकृष्ण के रथ से उतरते ही रथ धू-धूकर जल उठा और पूरी तरह भष्म हो गया था।