सूर्य हमारे पृथ्वी के लिए ही नहीं बल्कि पूरे सूर्य मंडल के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका प्रकाश पूरे सूर्य मंडल को प्रकाशित करता है। इसी के कारण पृथ्वी में दिन और रात भी होती है ।
सौरमंडल और सूर्य का निर्माण नेबुला मेटेरियल के द्वारा हुआ है, नेबूला ब्रह्मांड में धूल और गैसों का एक बादल होता है, जिसमें हाइड्रोजन गैस अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है।
सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल धरती से 28 गुना ज्यादा है। मतलब अगर धरती पर आपका वजन 50 किलोग्राम है, तो सूरज पर आपका वजन 1400 किलोग्राम होगा।
सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग 14,96,00,000 किलोमीटर या 9,29,60,000 मील है तथा सूर्य से पृथ्वी पर प्रकाश को आने में 8.3 मिनट का समय लगता है।
सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग 13 लाख 90 हज़ार किलोमीटर है, जो पृथ्वी से लगभग 109 गुना अधिक है।
सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है, जिसमें से 15 प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है।
प्रकाशीय ऊर्जा से प्रकाश-संश्लेषण नामक एक महत्वपूर्ण जैव-रासायनिक अभिक्रिया होती है जो पृथ्वी पर जीवन का आधार है।
सूर्य की सतह का निर्माण हाइड्रोजन, हिलियम, लोहा, निकेल, ऑक्सीजन, सिलिकन, सल्फर, मैग्निसियम, कार्बन, नियोन, कैल्सियम, क्रोमियम तत्वों से हुआ है।