मैथालॉजिकल शो 'महाभारत' के निर्देशक बलदेव राज चोपड़ा भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके बेहतरीन काम ने उन्हें अमर कर दिया है। 

हिंदी सिनेमा में दिए गए उनके काबिल-ए-तारीफ योगदान के लिए उन्हें 'दादा साहेब फाल्के' सम्मान से नवाजा गया था। 22 अप्रैल 1914 को लुधियाना में जन्में बीआर चोपड़ा की एक पहचान यह भी है।

  एक दौर में वह पत्रकार हुआ करते थे। वहीं, उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से भी हैं, जिस पर हम गौर फरमा लेते हैं।

 22 अप्रैल 1914 को लुधियाना में जन्में बीआर चोपड़ा की एक पहचान यह भी है कि एक दौर में वह पत्रकार हुआ करते थे। वहीं, उनके जीवन से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से भी है। 

बीआर चोपड़ा ने अपनी पढ़ाई-लिखाई लुधियाना यूनिवर्सिटी से पूरी की। एमए की डिग्री लेने के बाद उन्होंने बतौर फिल्मी पत्रकार अपने करियर की शुरुआत की।

कहा जाता है कि 1944 के दौर में बलदेव राज चोपड़ा ने पत्रकारिता में खूब उपलब्धियां हासिल कीं। सफल करियर के बाद भी बीआर चोपड़ा मन ही मन फिल्ममेकर बनने का ख्वाब बुन रहे थे।

अपने ख्वाब को हकीकत में तब्दील करने के लिए उन्होंने साल 1947 में दिल्ली का रुख किया। फिर वह आगे बढ़ते चलें और मायानगरी मुंबई पहुंच गए।

बतौर पत्रकार और बतौर फिल्मफेकर सफलता का स्वाद चख चुके बीआर चोपड़ा ने टीवी सीरियल बनाने का फैसला किया। छोटे पर्दे का रुख करने पर बीआर चोपड़ा को काफी ट्रोल भी किया गया। हालांकि, उन्होंने इन ट्रोल्स को साइड करते हुए मैथालॉजिकल शो 'महाभारत' का निर्माण कर इतिहास रच दिया।