कुछ लोग शहद को अपनी कॉफी, चाय में डालते हैं या फिर बेकिंग में चीनी की जगह इस्तेमाल करते हैं।
परंतु डाबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए शहद का सेवन क्या सुरक्षित होता है? हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें, तो जवाब है हां, लेकिन इसके कुछ शर्तें भी हैं।
जो लोग टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे होते हैं, उन्हें कार्ब्स और चीनी का सेवन सोच समझकर ही करना पड़ता है।
खासतौर पर टाइप-2 डायबिटीज में शहद और चीनी का उपयोग कम ही होना चाहिए। दोनों ब्लड शुगर का स्तर बढ़ाने का काम कर सकते हैं।
अगर शहद का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में किया जाए, तो यह न सिर्फ सुरक्षित साबित होगा, बल्कि इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण डायबिटीज से जुड़ी जटिलताओं को भी कम करेंगे।
शहद ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित करता है, इसलिए डॉक्टर्स डायबिटीज में सलाह देते हैं कि इसे तब तक न खाएं जब तक आपका ब्लड शुगर का स्तर कंट्रोल में न हो।
अगर आप दुकान से प्रोसेस्ड शहद खरीदते हैं, तो उसमें चीनी या सीरप हो सकता है। यह अतिरिक्त चीनी आपके ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित कर सकती है।