देशभर के ट्रक और मालवाहक ड्राइवर्स ने काम बंद कर दिया है और सड़क पर उतर आएं हैं। कई जगहों पर वे उत्पात भी मचा रहे हैं।
ड्राइवरों और परिवहन संघ की मांग हैं कि केंद्र सरकार अपने नए प्रस्तावित हिट एन्ड रन के कानून को तत्काल वापिस ले।
दरअसल राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद नए प्रावधान इंडियन पीनल कोड के पुराने कानूनों की जगह ले लेंगे।
नया कानून के अनुसार अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और चालक फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है।
इतना ही नहीं बल्कि मौके से फरार होने और घायल अथवा पीड़ित की मदद नहीं करने के एवज में ड्राइवर पर भारी भरकम जुर्माना भी लगाया जाएगा।
इन्ही वजहों से कई राज्यों में ट्रक चालक विरोध कर रहे हैं. वही चक्काजाम, अराजकता और पुलिस की ओर से हल्के बल प्रयोग की भी खबरें आई हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो नए कानून की सख्ती की वजह भी है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि हिट एंड रन के मामलों में हर साल 50 हजार लोग जान गंवाते हैं।
ड्राइवरों का तर्क है कि दुर्घटना के बाद अगर वे घायल की मदद के लिए रुकते हैं तो मौके पर मौजूद गुस्साई भीड़ उन पर हमला कर सकती है।
हालाँकि राहत ये हैं कि अगर घायल हुआ शख्स अपनी लापरवाही की वजह से दुर्घटना का शिकार हुआ है तो ड्राइवर को अधिकतम पांच साल की सजा होगी।
अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार और ड्राइवरों के बीच पैदा हुआ गतिरोध आखिर कब ख़त्म होता है और क्या सरकार इस कानून में बदलाव करती हैं?
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