जब जहर माना जाता था टमाटर खाना! जानिए टमाटर का अजीब इतिहास...
बढ़ते दाम की वजह से टमाटर बहुत चर्चा में है। लेकिन क्या आप जानते कि आपकी थाली का एक जरूरी हिस्सा टमाटर को कभी जहर बताया जाता था!
एक ऐसा भी वक्त था जब अमीरों ने तो टमाटर खाना ही छोड़ दिया था, जैसे ये सिर्फ गरीबों के लिए रह गया हो।
माना जाता है कि सालों पहले दक्षिण अमेरिका में आलू, तंबाकू और मिर्ची के साथ ही टमाटर की फसल 500 ई.पू. के आस-पास उगाई गई होगी।
वहां के लोग इसे खाने में इस्तमाल किए होंगे। दक्षिण अमेरिका में एज्टेक प्रजाति के लोगों ने टमाटर की खेती शुरू की थी। दक्षिण से ही ये उत्तर अमेरिका पहुंचा।
माना जाता है कि टमाटर की खेती सबसे पहले आज के मेक्सिको या पेरू में शुरू हुई होगी। यहीं से क्रिस्टोफर कोलंबस ने टमाटर का रूबरू यूरोपीय दुनिया से कराया।
इंग्लैंड के लोगों को टमाटर का लाल रंग बेहद पसंद आया। लेकिन इसकी जहरीली पत्तियों की वजह से लोग इसे शक की नजर से भी देखते थे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्पेन में टमाटर की खेती शुरू हुई। हालांकि, इसे खाने के लिए नहीं बल्कि 'डेकोरेशन फ्रूट' के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था।
यूरोप में कभी इसका नाम 'जहरीला सेब' भी पड़ गया था। लोग इसे खाकर बीमार पड़ने लगे, कई मौतें भी हुईं। लोगों में टमाटर जहरीला होने का भ्रम फैल गया।
दरअसल, टमाटर एसिडिक होता है और यूरोप में लोग प्यूटर यानी जस्ते की प्लेट में खाना खाते थे, जिसमें लेड होता है। एसिड और लेड में केमिकल रिएक्शन से ये जहर बन जाता था।
लेकिन लकड़ी की प्लेट में खाने वाले गरीबों को कोई परेशानी नहीं हुई। टमाटर लंबे समय तक, खासकर इटली में, गरीबों का खाना बन कर रहा।
टमाटर जहरीला होने का भ्रम लंबे समय तक बना रहा। लेकिन 18वीं सदी में इटली और स्पेन में इसे खास ब्रिडिंग कर उगाया गया, जो लोगों का भ्रम दूर करने का कारण बना।
यूरोपियन ही थे जो टमाटर को यूरोप और फिर भारत लेकर आए। माना जाता है कि जब 16वीं सदी में पुर्तगाली भारत आए तो वो अपने साथ टमाटर लेकर आए थे।
भारत का मौसम और यहां की मिट्टी टमाटर की खेती के लिए काफी अच्छी थी। हालांकि, इस बात के सबूत नहीं हैं कि भारत में टमाटर की पहली बार खेती कब और कहां शुरू हुई।