आलू का प्रयोग कई तरह के व्यंजन बनाने साथ ही ज्यादातर लोगों की पसंदीदा डिश होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में ये आलू कब और कैसे आया था और आइए जानते हैं।
आलू की उत्पत्ति दक्षिण अमेरिका के एंडीज़ पर्वत श्रृंखला में स्थित टिटिकाका झील के पास हुई थी।
आलू की खेती सबसे पहले मध्य पेरू में शुरू हुई थी। उस समय वहां आलू का नाम 'कामाटा' और 'बटाटा' था।
आलू को प्राचीन सभ्यताओं ने एक महत्वपूर्ण खाद्य स्रोत माना था और इसे "पृथ्वी का सोना" कहा था।
भारत में आलू यूरोपीय व्यापारियों से साथ आया था। यूरोपीय व्यापारी 15वीं शताब्दी में व्यापार के लिए आलू को भारत लाए थे। शुरुआत में इसकी तीन किस्में थीं - फुलवा, गोला और साठा।
भारत में आलू को बढ़ावा देने का श्रेय वारेन हिस्टिंग्स को जाता है, जो 1772 से 1785 तक भारत के गवर्नर जनरल रहे।
आलू को शुरुआत में खासतौर पर समृद्ध वर्गों के बीच ही इस्तेमाल किया जाता था।
19वीं शताब्दी में आलू की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। वहीं आलू की उच्च उत्पादकता और भंडारण की क्षमता ने इसे खासतौर पर लाभदायक बना दिया।