भानगढ़ किला राजस्थान के अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में सरिस्का अभ्यारण्य की सीमा पर स्थित है। इस किले के पास गोला गांव बसा हुआ है।
इस किले की बनावट से ज्यादा इसके भूतिया किस्सों की वजह से ज्यादा चर्चा में रहता है। भानगढ़ किले में राजा के महल के खंडहर पहाड़ियों की निचली ढलान पर स्थित हैं।
किले के परिसर में भूतिया अनुभवों और घटनाओं के डर की वजह से अब गाँव इस किले से बहुत दूर हो गए हैं।
हर कोई इस किले को भूतिया बताता है और अकेला इस किले में जाने से डरता है। हर किसी को बस यही डर रहता है कि भानगढ़ किले के भीतर क्या है।
भानगढ़ किले के भूतिया किस्सों की वजह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण या एएसआई ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को रात में किले में प्रवेश करने से मना किया है।
यह किला अब पूरी तरह से ख़राब हो चुका है और इसको देखने के बाद हर किसी के मन में बस भयानक और नकारात्मक विचार ही आते हैं। बहुत से पर्यटकों ने इस किले में अपसामान्य घटनाओं की पुष्टि की है।
भानगढ़ किले का इतिहास सदियों पुराना है। राजस्थान में 17 वीं शताब्दी में बना हुआ यह किला प्राचीन कला का एक नमूना है। भानगढ़ किले को लेकर कहा जाता है कि आमेर के रजा भगवत दास ने इसे अपने छोटे बेटे माधो सिंह प्रथम के लिए 1573 में बनवाया था ।
भानगढ़ किले के बारे में जो दूसरी कहानी बताई जाती है वो बहुत ही अजीब है। बता दें कि भानगढ़ किले के पीछे एक दूसरी दंतकथा यह है कि यह किला एक तांत्रिक के श्राप की वजह से पूरी तरह बर्बाद हो गया और भूतिया बन गया।