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क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा का पर्व

गुरु पूर्णिमा इस साल 2024 में 21 जुलाई, रविवार के दिन है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है।

लगभग 3000 ई.पूर्व पहले आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म हुआ था। उनके सम्मान में हर वर्ष इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। 

मान्यता है कि इसी दिन वेद व्यास जी ने भागवत पुराण का ज्ञान भी दिया था। इसे व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। इस दिन अपने गुरुजनों के सम्मान और उन्हें गुरु दक्षिणा देने का बहुत महत्व है।

इसके अलावा आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर परमेश्वर शिव ने दक्षिणामूर्ति का रूप धारण किया और ब्रह्मा के चार मानसपुत्रों को वेदों का अंतिम ज्ञान प्रदान किया।

माना जाता है कि इस दिन अपने गुरु को मान-सम्मान देते हुए उनका आभार व्यक्त करना चाहिए। साथ ही जीवन में मार्गदर्शन करने के लिए उन्हें गुरु दक्षिणा देने का भी महत्व है।

माना जाता है कि जो मनुष्य गुरु पूर्णिमा का व्रत रखता है और दान-पुण्य करता है, उसे जीवन में ज्ञान की प्राप्ति होती है और जीवन के बाद मोक्ष मिलता है।