शास्त्रों के मुताबिक, गोधूलि बेला को बहुत ही शुभ माना जाता है। गोधूलि बेला का समय सूर्यास्त के बाद के लगभग 30-45 मिनट का समय होता है।
गोधूलि बेला का समय शाम 5 बजे से 7 बजे तक रहता है। ऐसा माना जाता है कि इस बेला में सभी पशु पक्षी अपने घरों की तरफ लौट जाते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गोधूलि बेला में पूजा पाठ करना और मांगलिक कार्य करना बेहद शुभ माना जाता है। इस बेला को मंगलबेला भी कहा जाता है।
गोधूलि बेला में रोज भगवान के सामने दीपक जलाना चाहिए और पूजा पाठ करना चाहिए। इससे घर में आर्थिक कमी नहीं होती है।
कहा जाता हैं कि गोधूलि बेला में आरती करना भी बेहद ही शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति के सारे पाप और रोग मुक्त हो जाते हैं।