कचरा बना आय का जरिया नगर निगम धमतरी ने शहर में 10 आरआरआर यानि रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल सेंटर की शुरूआत की है।
स्व सहायता समूह की महिलाए घरों से निकलने वाले वेस्ट सामानो से सजावटी समान बनाकर अतिरिक्त आय कमा रही हैं।
नगर निगम ने आरआरआर केंद्र अपशिष्ट में कमी, अपशिष्ट पुनर्चक्रण और हरित धमतरी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
आरआरआर सेंटरो में पुराने कपड़े, पुरानी किताबें,प्लास्टिक कचरा, पुराने खिलौने, फूलों का कचरा और ई-कचरा दान करने के लिए निगम प्रशासन के लोगों को जागरूक कर रही हैं।
समूह की महिलाएं डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करती हैं और कचरा को आरआरआर सेंटर में संग्रहित कर गिला और सुखा अलग करती हैं।
स्वच्छता दीदीयों ने बताया कि खाली समय में अनुपयोगी सामानों के इस्तेमाल से सजावट का सामान तैयार किया जाता है और धरती भी कचरे के नुकसान से बच जाती है।
सजावट का सामान बनाने के लिए महिलाएं अनुपयोगी प्लास्टिक के बोतल, एक्स-रे प्लेट,डिस्पोजल, खड्डे, खाली पेन, ऊन और धागे के टुकड़ों का इस्तेमाल करती है।
महापौर ने शहरवासियों से अपील की है, कि घरों से निकलने वाले कचरे को नाली में ना फेंक कर कचरा कलेक्शन करने वाली समूह की महिलाओं को दें। साथ ही घरों के अनुपयोगी समानों को भी आरआरआर सेंटर में लाकर दें।