गणेश चतुर्थी की रात दुर्वा की 11 दल और एक हल्दी की गांठ को पीले कपड़े में बांधकर अनंत चतुर्दशी तक इसकी पूजा करने के बाद इसे अपनी तिजोरी में रख दें.