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गांधी जी के तीन बंदर

महात्मा गांधी के तीन बंदर आज भी पूरे विश्व में उनके आदर्शों का प्रतीक हैं और लोगों को नैतिकता और सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

इन तीन बंदरों का संदेश यह है कि हमें बुराइयों से दूर रहना चाहिए और अपने जीवन में सकारात्मकता और सच्चाई को अपनाना चाहिए। 

गांधी जी ने इस संदेश को अपने जीवन में लागू किया और लोगों को भी इसका पालन करने के लिए प्रेरित किया। लेकिन क्या आप इन बंदरों के नाम जानते हैं?, यदि नहीं तो हम आपको बताते हैं।

गांधी जी के तीनों बंदरों को अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है: मिज़ान (न देखो), किकाजारु (न सुनो), इवाज़ारू (न बोलो)।

न देखो (न देखना): पहला बंदर अपनी आँखें बंद कर लेता है, जिसका अर्थ है कि बुराइयों को न देखो।

न सुनो (न सुनना): दूसरा बंदर अपने कान बंद कर लेता है, जिसका अर्थ है कि बुराइयों को न सुनो।

न बोलो (न बोलना): तीसरा बंदर अपना मुंह बंद कर लेता है, जिसका अर्थ है कि बुराइयों के बारे में न बोलो।

गांधी जी ने इन तीनों बंदरों को अपना गुरु बताया था। माना जाता है कि ये बंदर चीन से आए थे और एक प्रतिनिधिमंडल ने गांधी जी को भेंट के तौर पर दिए थे। गांधी जी ने इन्हें अपने पास रखा और ये उनके नाम से हमेशा के लिए जुड़ गए।