प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को अबू धाबी में ऐतिहासिक बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर का उद्घाटन किये, इसे यूएई में रहने वाले पूरे हिंदू समुदाय के लिए एक अद्भुत क्षण माना जा रहा है। यह मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए 18 फरनरी से खुलेगा।
पीएम मोदी ने मंदिर निर्माण के लिए यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को धन्यवाद दिया।
बीएपीएस, बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था है। यह वेदों में निहित एक सामाजिक-आध्यात्मिक हिंदू आस्था का प्रतिनिधित्व करता है,बीएपीएस को औपचारिक रूप से 1907 में शास्त्रीजी महाराज द्वारा स्थापित किया गया था।
अबू धाबी के इस पहले हिंदू मंदिर में 7 शिखर बनाए गए हैं जो कि अलग-अलग देवी-देवताओं कहानियां दर्शाते हैं. मंदिर के प्रत्येक स्तंभ पर भगवाना राम, माता सीता, भगवान गणेश और हनुमान जी की प्रतिमा बनाई गई है।
यह मंदिर भारतीय संस्कृति को बहुत ही खूबसूरत तरीके से दर्शाता है. मंदिर के अंदर ही नहीं, बल्कि बाहरी स्तंभों पर भी नक्काशी के माध्यम से सीता स्वंयवर, राम वनगमन और कृष्ण लीलाएं दर्शाई गई हैं।
मंदिर के 7 शिखर में अंक 7 का विशेष महत्व है. बता दें कि यूएई 7 अमीरात यानि 7 सियासतों से मिलकर बना है। इन शिखर के माध्यम से यूएई और भारत की संस्कृति का संगम नजर आता है।
बता दें कि अबू धाबी के इस मंदिर में जयपुर से लाए गए पिंक सैंड स्टोन का उपयोग किया है. यह वही पत्थर है जिससे अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण किया गया है।
इस भव्य मंदिर को बनाने के लिए यूएई के प्रिंस ने जमीन दान की थी और यह मंदिर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तुलना में बहुत बड़ा है. मंदिर में पत्थरों पर बहुत ही अद्भुत नक्काशी की गई है।