अंजीर का उपयोग लोग फल या ड्राइ फ्रूट्स के तौर पर करते हैं। लेकिन कोई ड्राइ फ्रूट्स कैसे नॉनवेज हो सकता है, वहीं कुछ लोग अंजीर को नॉनवेज मानते हैं। जानिए इसके पीछे क्या है सच्चाई?
यह फल सेहत के लिए बहुत लाभदायक है। इससे शरीर का डायजेस्टिव सिस्टम अच्छा रहता है। साथ ही शुगर के स्तर को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को ठीक रखने वाला माना जाता है।
अंजीर के बारे में यह माना जाता है कि यह एक तरह से 'मांसाहारी' फल हो सकता है, जिससे कुछ धर्म के अनुयायी इसे अपने आहार में शामिल करने से बचते हैं।
दरअसल इसके पीछे की वजह है एक प्रक्रिया, जो इस फल के बनने के दौरान होती है। अंजीर की शुरुआत एक उल्टे बंद फूल के रूप में होती है।
स्कूल में क्लास में ही बच्चों को पॉलीनेशन के महत्व के बारे में पढ़ाया जाता है। इसके लिए मधुमक्खियां, पक्षी, कीड़े और हवाएं महत्वपूर्ण होती हैं।
वैसे ही अंजीर के पॉलीनेशन में ततैया बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। जब अंजीर के पेड़ पर फल लगने शुरू होते हैं, तो उसके छोटे-छोटे फूल के अंदर ततैया घुस जाते हैं।
यदि फूल नर है तो अंदर घुसकर मादा ततैया अंडा दे देती है और पॉलीनेशन में मदद करती है। उसके बाद नर ततैया इस अंडे और कुछ पराग को लेकर उड़ जाता है और दूसरे फूलों के पॉलीनेशन में मदद करता है।
वहीं अगर फल के अंदर का फूल मादा है, तो ततैया केवल फल को पॉलिनेट करेगी और अंडे दिए बिना ही उसे छोड़ देगी। हालांकि, फल में प्रवेश करने के दौरान ततैया अपने पंख, पैर या यहां तक कि एंटेना भी खो सकती है. क्योंकि छिद्र काफी छोटा होता है।
कभी-कभी ऐसा होता है कि नर और मादा ततैया जो फल से बाहर नहीं निकल पाने से अंदर ही मर जाते हैं। अंजीर में मौजूद एंजाइम मृत ततैयों को तोड़ देता है।
ऐसे में यह पहचान करना कठित होता है कि किस फल में उसके अंदर ततैया मरे थे या किस फल के अंदर ततैये का सड़ा गला शरीर नहीं होगा। यही वजह है कि कुछ लोग अंजीर को नॉनवेज मानते हैं।