नाम से विवाह गुण मिलान करने की विधि हिंदू ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण है। यह विधि गुण मिलान के लिए उपयोग की जाती है। गणना के अनुसार 36 गुण मिलने पर विवाह के लिए शुभ संकेत माना जाता है।
नाम के अनुसार कुंडली मिलान का अर्थ होता है कि लड़का और लड़की दोनों के नाम का नक्षत्रों के हिसाब से गुण मिलान करना। इसमें दोनों के नाम से पता लगाया जाता है कि उनके कितने गुण मिल रहे हैं और इनकी शादी कैसी निभेगी।
भारतीय ज्योतिष के अनुसार शादी के लिए कुंडली मिलान आप के प्रचलित नाम राशि से या आप की जन्म राशि से कर सकते हैं, क्योंकि दोनों नाम का जातक के जीवन पर प्रभाव रहता हैं।
यहां आप दो प्रकार की कुंडली मिलान कर सकते हैं, एक जो कि ज्योतिष के आधारभूत नियमों के अनुसार बनाई गई हैं, दूसरा फलादेश जो कि अष्टकूट दोष परिहार (दोष का नष्ट होना) के साथ हैं और जिसे आप निर्णायक फलादेश कह सकते हैं।
ज्यादातर भारतीय हिन्दू परिवार ज्योतिष के पास विवाह के लिए श्रेष्ठ कुंडली मिलान या जन्मपत्रिका मिलान के लिए जाते ही हैं, ताकि विवाहित होने वाला जोड़ा किसी प्रकार के दुर्भाग्य का शिकार न हो।
ज्योतिष के अनुसार ज्यादा से ज्यादा गुणों के 36 कर्मांक या अंक होते हैं, जिसमे से यदि कम से कम 18 गुण यानि 50% यदि मिलते हैं तो जन्म कुंडली गुण मिलान ठीक समझा जाता हैं और विवाह की अनुमति दी जा सकती हैं।
कुंडली मिलान में 8 कूट और 36 गुणों को जांचा जाता है, कम से कम 18 गुणों का मिलना शास्त्र सम्मत है। 18 से ज्यादा गुण मिलना और भी बढ़िया माना जाता है, मंगल दोष की जांच अष्टकूट मिलान में नहीं होती है, उसका मिलान अलग से करना चाहिए।