भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर अमावस्या तक पितृपक्ष रहता है।
इस दौरान तुलसी से जुड़े नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है।
आज हम आपको बताएंगे कि पितृपक्ष के दौरान तुलसी से जुड़े किन गलतियों को नहीं करना चाहिए।
पितृपक्ष में तुलसी की पूजा जरूर करनी चाहिए। इस समय तुलसी की पूजा नहीं करने से पितर नाराज हो सकते हैं।
पितृपक्ष के दौरान तुलसी को छूना वर्जित माना जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र माना जाता है।
इस कारण स्पर्श करने के लिए साफ-सफाई और पवित्रता का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है।
पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए।
पत्तियों को तोड़ने से पितरों के नाराज होने का भय रहता है। पितरों के नाराज होने से जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।
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