उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है।
इस दिन कुछ गलतियों से बचना आवश्यक है ताकि भगवान की कृपा बनी रहे। इन गलतियों को उत्पन्ना एकादशी पर नहीं करनी चाहिए।
उत्पन्ना एकादशी व्रत में अन्न ग्रहण करना वर्जित है। इस दिन केवल फलाहार या जलाहार करना चाहिए।
उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी को जल अर्पित न करें। तुलसी में लक्ष्मी जी का वास होता है और इस दिन मां लक्ष्मी निर्जला उपवास रखती हैं।
उत्पन्ना एकादशी पर तामसिक भोजन का सेवन न करें। इस दिन लहसुन, प्याज या मांस-मदिरा से भी कोसों दूर रहना चाहिए।
निर्जला एकादशी पर किसी को अपशब्द कहने और क्रोध में आने से बचना चाहिए। द्वार पर आए किसी भी व्यक्ति को अपमानित न करें।
इस दिन नाखून, बाल, दाढ़ी न कटवाना वर्जित होता है। उत्पन्ना एकादशी पर जमीन में ही बिस्तर डालकर ही सोना चाहिए।
उत्पन्ना एकादशी पर काले रंग के कपड़े नही पहनना चाहिए। क्योंकि इस व्रत में काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है।