दीवाली प्रकाश का पर्व और बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। इसे दिपावली भी कहा जाता है। दिवाली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
यह कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास, के बाद वापस अयोध्या आए थे।
इस साल दिवाली की डेट को लेकर बड़ा कंफ्यूजन बना हुआ है। पंचांग में दिवाली की तारीख को लेकर अलग-अलग मत हैं।
दिवाली कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस बार अमावस्या को आरंभ 31 तारीख को दोपहर में 3:22 मिनट पर शुरू हो रहा है।
पंचांग के अनुसार 31 तारीख को 3:22 मिनट पर अमावस्या तिथि आरंभ होगी व 1 नवंबर को शाम में 5:23 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्त होगी।
इस वजह से 1 तारीख को अमावस्या तिथि प्रदोष और निशिथ काल को स्पर्श नहीं कर रही जबकि 31 को प्रदोष काल से लेकर निशीथ काल तक व्यापत रहेगी।
1 अक्टूबर को और लक्ष्मी पूजन करना उत्तम फलदायी रहेगा। इस दिन प्रदोष से लेकर निशिथ काल तक अमावस्या तिथि रहती है।
बता दें कि धनतेरस से दिवाली के पर्व की शुरुआत हो जाती है। इसके बाद छोटी दिवाली जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं।
छोटी दिवाली के बाद बड़ी दिवाली का पर्व मनाया जाता है। दिवाली पूजन के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है।
दिवाली के दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके वापस अयोध्या आए थे। इस दिन से हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है।
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