दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो संध्याकाल यानी प्रदोष काल और रात्रिकाल में मनाया जाता है। यह पर्व अमावस्या के अंधकार से हमें प्रकाश की ओर ले जाने वाला है।
माता लक्ष्मी का प्राकट्य अमावस्या की संध्याकाल में हुआ था। वे रात्रि में भ्रमण करती हैं। उनकी पूजा प्रदोष काल और निशीथ काल में होती है।
कार्तिक अमावस्या तिथि 1 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट पर रहेगी। वहीं आज 31 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 5 बजकर 36 मिनट पर हो रहा है।
ऐसे में दिवाली पूजा का मुहूर्त आज 31 अक्टूबर को 5 बजकर 36 मिनट से शुरू हो रहा है। किंतु स्थिर लग्न वृषभ 6:32 बजे से 8:33 बजे तक रहेगा।
इसी बीच अमृत चौघड़िया शाम 7:14 बजे तक रहेगा। इस कारण दीपावली पर आज लक्ष्मी पूजन का समय शाम 6 बजकर 32 मिनट से 7 बजकर 14 मिनट तक सबसे उत्तम रहेगा।
साथ ही आप चाहें तो 8 बजकर 32 मिनट तक भी स्थिर लग्न वृषभ में दिवाली पूजन कर सकते हैं।