हिन्दुओं के पवित्र त्योहार धनतेरस को धन त्रयोदशी या धन्वंतरि त्रयोदशी भी कहा जाता है। धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बनी है "धन और त्रयोदशी" जिसका अर्थ है "धन" और तेरस का अर्थ है तेरह
हिन्दू पंचांग के मुताबिक, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तेरहवी तिथि या त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है।
धनतेरस रोशनी, उमंग और खुशियों के पर्व तथा पांच दिवसीय पर्व दीपावली का प्रथम दिन होता है जो हिन्दू धर्म का प्रमुख एवं प्रसिद्ध त्योहार है।
यह दिन धन के कोषाध्यक्ष देव कुबेर और आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित होता हैं। सुख-समृद्धि एवं वैभवपूर्ण जीवन की कामना के लिए धनतेरस का दिन श्रेष्ठ माना जाता है।
इस दिन माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर के पूजन का भी विधान हैं तथा आभूषण, चांदी का सिक्का, नए बर्तन, नए कपड़े और वस्तुओं आदि की खरीदारी को शुभ माना जाता है।
धनतेरस के दिन आयुर्वेदिक उपचार पद्धति के देवता भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। यही वजह है कि धनतेरस को धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
धनतेरस तिथि पर 13 का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन खरीदी गई प्रत्येक वस्तु से तेरह गुना फल की प्राप्ति होती है और किसी भी कार्य को 13 की संख्या में किया जाए तो उसके फल में भी 13 गुना वृद्धि हो जाती है।