सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी मनाया जाता है।
इसी दिन तुलसी माता का भगवान शालिग्राम के साथ विवाह भी किया जाता है।
इस बार 12 नवंबर 2024 मंगलवार के दिन शाम को गोधूली मुहूर्त में तुलसी विवाह का योग बन रहा है।
यदि आपके विवाह के योग नहीं बन रहे हैं तो देव उठनी ग्यारस पर केवल एक उपाय करने से शादी में आ रही बाधाएं दूर होगी।
देव उठनी एकादशी के दिन भगवान शालिग्राम का तुलसीजी के साथ विवाह कराया जाता है। इसके साथ ही वैवाहिक कार्य शुरू हो जाते हैं। इस दिन विधिवत व्रत रखने से विवाह में आ रही बाधाएं खत्म होकर शादी के योग बनते हैं।
इस दिन पीले या लाल वस्त्र पहनकर शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराकर चंदन लगाएं। इसके बाद उन्हें पीले आसन पर विराजित कर उन्हें अपने हाथों से तुलसी अर्पित करें और उनसे अपने विवाह की मनोकामना बोलें। वे प्रसन्न होकर शीघ्र विवाह के योग बनाएंगे।
देव उठनी एकादशी के दिन घर के उत्तर या ईशान दिशा की दीवार पर हल्दी से स्वास्तिक बनाएं और उसमें थोड़ा सा चावल रखें।
वैवाहिक जीवन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए पूजा करते वक्त हल्दी से स्वास्तिक बनाना चाहिए। बता दें कि सामान्य पूजा या हवन में कुमकुम या रोली से स्वास्तिक बनाया जाता है।