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कब है देवउठनी एकादशी?
12 नवंबर, मंगलवार के दिन कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। जिसे देवउठनी, देव प्रबोधिनी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है।
माना जाता है कि भगवान विष्णु 4 महीने का शयन काल पूरा करने के बाद इस दिन जागते हैं। इस दिन माता तुलसी के विवाह का आयोजन भी किया जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रबोधनी एकादशी पर्व के दिन व्रत रहकर भगवान विष्णु की आराधना करने वालों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
देवउठनी एकादशी के दिन व्रती भगवान विष्णु की पूजा सुबह 6:42 बजे से कर सकते हैं। 7:52 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करना और भी फलदायी होगा।
देवउठनी एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें। फिर पूजाघर को गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें।
इस दिन घर की ठीक से सफाई करें और आंगन में या फिर पूजाघर के बाहर भगवान के चरणों की आकृति बना लें। घर में ओखली पर गेरू से भगवान विष्णु का चित्र बना लें।
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