हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी व्रत रखा जाता है।
इस बार देव उठनी एकादशी मंगलवार 12 नवंबर को है और इस दिन बाद श्री हरि योग निद्रा से जागेंगे। इसके साथ ही चार महीने के बाद चातुर्मास का समापन भी होगा।
श्री हरि का योग निद्रा से जागना बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि इसी दिन से सभी मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते है।
कहा जाता हैं कि देव उठनी एकादशी पर समुद्र मंथन से निकली कोई एक चीज तिजोरी में रखने से व्यक्ति की सोई हुई किस्मत जाग जाती है।
माता लक्ष्मी की मूर्ति समुद्र मंथन से ही मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। यदि देव उठनी एकादशी के दिन माता लक्ष्मी की मूर्ति लाकर घर की तिजोरी में रखने धन दौलत की प्राप्ति होने लगती है।
अमृत कलश भगवान धन्वंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। कहा जाता हैं कि अगर घर में देव उठनी एकादशी के दिन अमृत कलश की स्थापना की जाए, उस घर में बरकत बनी रहती है।
कौस्तुभ मणि कौस्तुभ मणि की उत्पत्ति भी समुद्र मंथन से हुई थी। अगर घर की तिजोरी में कौस्तुभ मणि लाकर रखने से उस घर की आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है।
ऐरावत हाथी ऐरावत हाथी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ था। अगर घर की तिजोरी में ऐरावत हाथी की मूर्ति स्थापित किया जाए, तो घर उजाले से भर जाता है और धन की बरसात होने लगती है।