Death on Tirth Yatra: तीर्थ यात्रा के दौरान मृत्यु होने का क्या मतलब होता है? जानें
(image credit: Pexels)
हिन्दू धर्म में तीर्थ यात्रा के दौरान किसी व्यक्ति या श्रद्धालु की मृत्यु होना बहुत ही शुभ माना जाता है।
(image credit: Pexels)
मान्यता है कि तीर्थ यात्रा के दौरान मरने वाले व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
(image credit: Pexels)
कुछ धर्मों में तीर्थ यात्रा के दौरान मृत्यु को आत्मा की मुक्ति का एक तरीका माना जाता है।
(image credit: Pexels)
कहा जाता है कि तीर्थ यात्रा के दौरान मृत्यु होने पर व्यक्ति ने अपने जीवन का उद्देश्य पूरा कर लिया है और उसे मोक्ष प्राप्ति हो गई।
(image credit: Pexels)
पुराणों के मुताबिक, तीर्थ स्थान पर मरने वालों की आत्मा को ज्यादा कष्ट नहीं झेलना पड़ता है और नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलता है।
(image credit: Pexels)
ऐसा कहते है कि तीर्थ यात्रा के समय जिस व्यक्ति की मौत होती है, उसे मृत्यु लोक से मुक्ति मिलती है और भगवान के चरणों में स्थान मिलता है।
(image credit: Pexels)
वहीं बुजुर्गों का कहना है कि मृत्यु एक दैवीय इच्छा है और इसे बदला नहीं जा सकता। तीर्थ यात्रा के वक्त मृत्यु होना भी दैवीय इच्छा का ही परिणाम है।
(image credit: Pexels)
तीर्थ यात्रा के दौरान मृत्यु के बारे में कई संस्कृतियों में अलग-अलग मान्यताएं हैं। कुछ इसे शुभ मानते हैं तो कुछ इसे अशुभ मानते हैं।
(image credit: Pexels)
IBC24 SHORT
IBC24 SHORT