David Warner: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम की खामी पर रवि शास्त्री ने कहा- टीम को डेविड वार्नर जैसे खिलाड़ी की कमी खल रही

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ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट जगत में नेथन मैकस्वीनी को सिर्फ तीन टेस्ट के बाद टीम से बाहर कर दिया गया जिसके बाद उनकी टीम पर तीखी प्रतिक्रियाएं होने लगीं।

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ओपनिंग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के बाद एक ऐसा पद जो उन्होंने शेफ़ील्ड शील्ड स्तर पर नहीं संभाला था - मैकस्वीनी प्रभाव छोड़ने के लिए संघर्ष करते रहे।

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जसप्रीत बुमराह जैसे शीर्ष गेंदबाजों का सामना करते हुए, मैकस्वीनी अपनी छह टेस्ट पारियों में केवल एक बार 10 के स्कोर को पार कर पाए और उनका औसत महज 14.4 रहा।

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वहीं स्टीव स्मिथ ने गाबा में शतक बनाने के बावजूद सीरीज में केवल 24.8 का औसत रहा, जबकि मार्नस लाबुशेन और उस्मान ख्वाजा भी निराशाजनक रहे और दोनों औसत 17 से कम रहा है।

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भारतीय टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने ऑस्ट्रेलिया टीम के शीर्ष क्रम में कमी की ओर इशारा कर यह सुझाव देते हुए कि टीम को डेविड वार्नर जैसे खिलाड़ी के आक्रामक प्रभाव की कमी खल रही है।

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उन्होंने कहा कि वार्नर की अनुपस्थिति उनकी खेल शैली और शीर्ष पर उनके नेतृत्व दोनों के संदर्भ में एक ऐसा शून्य छोड़ गई है जिसे शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों के मौजूदा बैच को भरना बाकी है।

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फॉक्स क्रिकेट के हवाले से शास्त्री ने कहा कि यह होना ही था, शीर्ष क्रम से किसी को जाना ही था क्योंकि कहीं से कोई पंच नहीं आ रहा था। भारत को उन पर गेंदबाजी करने की अनुमति दी गई थी।

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उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो आक्रमण को संभाल सके और यहीं पर ऑस्ट्रेलिया को डेविड वार्नर की बड़ी कमी खल रही है।

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रवि शास्त्री ने आगे कहा कि यही वह जगह है जहां ऑस्ट्रेलिया को एहसास होगा कि वार्नर ने अपने दशक में विरोधियों पर कितना प्रभाव डाला था।

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