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ऑटोमोटिव उद्योग में दिए गए इन अहम योगदानों के लिए हमेशा याद किया जाएगा

भारतीय उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित समूह का नेतृत्व करने के अलावा, रतन टाटा ने भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

टाटा मोटर्स की स्थापना रतन टाटा के चेयरमैन के रूप में कार्यकाल के दौरान ही टाटा मोटर्स की स्थापना हुई और बाद में यह ऑटोमोटिव उद्योग में सबसे बड़े नामों में से एक बन गया।

टाटा इंडिका का परिचय टाटा इंडिका, भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित कार, रतन टाटा के दिमाग की उपज थी।

रतन टाटा चाहते थे कि इंडिका कार को भारतीय खरीददारों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन और विकसित किया जाए।

टाटा नैनो की शुरुआत रतन टाटा ने टाटा नैनो को पेश करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह भारतीय बाजार के लिए एक ऐसी कार बनाना चाहते थे जो दोपहिया वाहन के मुकाबले सस्ती और सुरक्षित हो।

उन्होंने 2008 के ऑटो एक्सपो में इस वाहन को दुनिया के सामने पेश किया, इसे एक किफायती लेकिन सुरक्षित और फीचर से भरपूर कॉम्पैक्ट कार के रूप में पेश किया, जिसकी कीमत 1 लाख रुपये रखी गई थी।

जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा मोटर्स ने प्रतिष्ठित ब्रिटिश कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण किया।

2015 में रतन टाटा प्रतिष्ठित ऑटोमोटिव हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले पहले भारतीय बने।