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Chhath Puja History

छठ पर्व में भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा अर्चना की जाती है। छठ पूजा संतान कामना और उनकी लंबी उम्र के लिए किया जाता है। 

यह एकमात्र ऐसा पर्व है, जिसमें ढलते सूर्य और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। आइए जानते हैं आखिर क्यों की जाती है छठ पूजा

छठी मैया सूर्यदेव की बहन हैं और इस पर्व पर इन दोनों की ही पूजा अर्चना की जाती है।

पौराणिक कथा के मुताबिक ऋषि मुद्गल ने माता सीता को छठ व्रत करने के लिए कहा था। 

जब भगवान राम ने रावण का वध किया था तब प्रभु श्रीराम पर ब्रह्म हत्या का पाप लगा था।

इस पाप से मुक्ति के लिए मुनि वशिष्ठ ने ऋषि मुद्गल के साथ राम और सीता को भेजा था और कष्टहरणी घाट पर यज्ञ करवा कर ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति दिलाई थी।

वहीं आश्रम में ही रहकर माता सीता को कार्तिक मास की षष्ठी तिथि को व्रत करने का आदेश दिया था। 

माना जाता है कि मुंगेर मंदिर में आज भी माता सीता के पैर के निशान मौजूद हैं।