चाणक्य मूल नाम विष्णुगुप्त था। ऐसा अनुमान है कि उनका जन्म 350 ईसा पूर्व में हुआ था।

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इतिहास में चाणक्य का सबसे महत्वपूर्ण योगदान मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य के मुख्य सलाहकार के रूप में उनकी भूमिका थी।

राजा धनानंद ने आचार्य चाणक्य तिरस्कार करके अपने दरबार से बाहर निकाल दिया था तब उन्होंने अपनी चोटी खोलकर प्रतिज्ञा ली थी कि जबतक वो समस्त नंद वंश का विनाश नही कर देंगे तब तक अपनी चोटी नही बाधेंगे |

चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य को शत्रु द्वारा किये जाने वाले किसी भी ज़हरीले आघात से बचाने के लिए उसको भोजन में बहुत कम मात्रा में ज़हर भी देते थे |

एक बार चंद्रगुप्त की गर्भवती पत्नी रानी दुर्धरा ने इसे खा लिया और उनकी मृत्यु हो गई लेकिन उनका बच्चा बच गया जो अगला सम्राट सम्राट बिंदुसार बना।

चाणक्य ने राजनीति पर अर्थशास्त्र नाम से एक पुस्तक लिखी जिससे उन्हें कौटिल्य (शाब्दिक अर्थ एक चालाक व्यक्ति) के रूप में नया नाम मिला।

चाणक्य की मृत्यु 283 ईसा पूर्व पाटलिपुत्र में हुई थी। कुछ का मानना है कि उन्होंने खुद को भूखा रखकर मार डाला, जबकि अन्य सोचते हैं कि अदालती साजिशों के कारण उनकी मृत्यु हुई।