इस बार करवा चौथ का व्रत 2024 में 20 अक्टूबर, रविवार को रखा जाएगा। यूं तो करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं ही रखती हैं।
लेकिन अब कई लड़कियां भी अपने होने वाले पति या प्रेमी के लंबी उम्र और स्वास्थ्य के लिए करवा चौथ का व्रत रखना चाहती हैं। जानकारों के मुताबिक, कुंवारी लड़कियां व्रत तो रख सकती हैं किंतु उनके लिए नियम थोड़े अलग होते हैं।
करवा चौथ का व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है क्योंकि इसमें अन्न-जल दोनों ही ग्रहण नहीं करना होता है।
यह व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए है। किंतु मान्यता है कि कुंवारी कन्या यदि करवा चौथ का व्रत रखती हैं, तो उसे अच्छा जीवनसाथी मिलता है और जल्दी विवाह के योग बनते हैं।
करवा चौथ व्रत में सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, किंतु कुंवारी कन्याओं के लिए ऐसा कोई नियम नहीं है। उन्हें निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए बल्कि उन्हें सिर्फ फलाहार पर रहना चाहिए।
कुंवारी लड़कियों के लिए सरगी और बायना का नियम नहीं होता है, इस कारण निर्जला व्रत नहीं कर नहीं करना होता है। करवा चौथ का निर्जला व्रत विवाह के पश्चात शुरू किया जाना चाहिए।
अगर कोई अविवाहित लड़की करवा चौथ का व्रत रखती है, तो उसे चंद्रमा को जल अर्पित नहीं करना चाहिए, बल्कि तारों को जल देकर व्रत का खोलना चाहिए।
करवा चौथ व्रत में सुहागिन महिलाएं चंद्रमा को छलनी से देखकर अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं, किंतु अविवाहित लड़कियों को पूजा के समय छलनी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
यदि अविवाहित लड़कियां करवा चौथ का व्रत कर रही हैं, तो उन्हें थाली घुमाने और करवा बदलने की रस्म नहीं करनी चाहिए।