भगवान राम की पावन जन्मभूमि अयोध्या पवित्र सप्तपुरियों में से एक है। अयोध्या के अलावा मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी, कांची, अवंतिका (उज्जयिनी) और द्वारका पवित्र सप्तपुरियों में शामिल हैं।
धार्मिक पुराणों के अनुसार अयोध्या नगरी भगवान विष्णु के सूर्दशन चक्र पर बसी हुई है। स्कंद पुराण के अनुसार अयोध्या ब्रह्मा, विष्णु और शंकर भगवान की पवित्र स्थली है।
धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने ब्रह्मा, मनु, देवशिल्पी विश्वकर्मा और महर्षि वशिष्ठ को अपने रामावतार के लिए भूमि चयन करने के लिए भेजा था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वशिष्ठ द्वारा सरयू नदी के तट पर अयोध्या का चयन किया गया और भगवान विश्वकर्मा ने इस नगर का निर्माण किया।
धार्मिक कथाओं के अनुसार सूर्य के पुत्र वैवस्वत मनु महाराज ने अयोध्या की स्थापना की थी। अयोध्या पर राज करने वाले राजा दशरथ अयोध्या के 63वें शासक थे।अयोध्या का वर्णन विस्तार से वाल्मीकि रामायण के 5वें सर्ग में किया गया है।
धार्मिक कथाओं के अनुसार भगवान राम के अपने धाम जाने के बाद अयोध्या नगरी वीरान हो गई थी।भगवान श्री राम के पुत्र कुश ने अयोध्या नगरी को दोबारा बसाया था। इसके बाद सूर्यवंश की अगली 44 पीढ़ियों तक अयोध्या का अस्तित्व बरकरार रहा।
1526 ई. में बाबर के सेनापति ने 1528 ई. में अयोध्या में आक्रमण किया और यहां मस्जिद का निर्माण करवाया, जिसे 1992 रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान ढहा दिया गया।