अर्जुन वृक्ष भारत में होने वाला एक औषधीय वृक्ष है। इसे घवल, ककुभ तथा नदीसर्ज भी कहते हैं। कहुआ तथा सादड़ी नाम से बोलचाल की भाषा में प्रख्यात यह वृक्ष एक बड़ा सदाहरित पेड़ है।
लगभग 60 से 80 फीट ऊंचा होता है तथा हिमालय की तराई, शुष्क पहाड़ी क्षेत्रों में नालों के किनारे तथा बिहार, मध्य प्रदेश में काफी पाया जाता है।
अर्जुन की छाल कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। तो आइए जानते हैं इसके फायदे के बारे में -
अर्जुन की छाल को हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से इम्यूनिटी बूस्ट हो सकती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या है, उनके लिए अर्जुन की छाल के पानी का सेवन काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटी-हाइपरटेंसिव गुण होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
रात को सोने से पहले अर्जुन की छाल या पाउडर को एक गिलास पानी में डालकर रख दें। अगली सुबह इस पानी को छानकर इसका सेवन करें।