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Banned Books in India

द फ़ेस ऑफ मदर इंडिया- इसे इसलिए बैन कर दिया गया था क्योंकि इसमें भारत को ब्रिटिश नज़र से देखते हुए स्वशासन के लिए अयोग्य करार दे दिया गया था। ये किताब बैन तो है ही, इसे भारत में आयात (इम्पोर्ट) करके लाने पर भी पाबंदी है।

हिन्दू हैवन- इसे इसलिए बैन किया गया क्योंकि उस समय लोगों को ये किताब बहुत बढ़ा-चढ़ा कर लिखी हुई लगी। ये किताब तब से बैन है और इस पर कोई पुनर्विचार नहीं किया गया है। इसे इम्पोर्ट करके लाने पर भी बैन लगा हुआ है।

अनआर्म्ड विक्ट्री- इसमें भारत के स्टैंड को लेकर बरट्रंड काफी क्रिटिकल दिखे हैं। इस बात को लेकर किताब के रिलीज होने पर ही इसे भारत में बैन कर दिया गया।

अंगारे- उत्तर भारत के मुसलमान काफी नाराज़ हुए थे इस किताब को लेकर। क्योंकि मुस्लिम समाज के भीतर फैली धार्मिक कट्टरता और पितृसत्ता को चुनौती दे रही थी ये किताब। इसलिए बैन कर दी गई।

लेडी चैटर्लीज़ लवर- 1960 में ब्रिटेन ने बैन हटा लिया था। लेकिन भारत में अभी भी ये किताब बैन है। 1964 में ये किताब बेच रहे रंजीत उदेशी पर मामला दर्ज हुआ था। इसमें ये कहा गया कि काफी अश्लीलता है।

आयशा- मुहम्मद की पत्नी आयशा की कम उम्र होने की बात पर काफी विवाद पहले भी हुए हैं। इस किताब को बैन किया गया. इसके आयात पर भी पाबंदी है।

नाइन आवर्स टू राम- गृह मंत्रालय ने हत्या वाले दिन महात्मा गांधी की सुरक्षा में ढील दी। इस तरह कोई षड्यंत्र होने की आशंका इस किताब में दिखाई गई। ये किताब और इस पर बनी फिल्म दोनों ही भारत में बैन की गई।

कैप्टिव कश्मीर- इस किताब में कश्मीर को लेकर भारत का क्या रुख है, उसकी आलोचना की गई है। भारत के रुख को दमनकारी और क्रूर बताया गया है। ये किताब आयात करके भी नहीं लाई जा सकती है।