वायु प्रदूषण, बदलती जीवनशैली के साथ ही धूम्रपान की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण श्वसन संबंधी रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।
सल्फाइट शराब, सूखे मेवे, अचार, ताजे और जमे हुए झींगा और कुछ अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन दमा के मरीजों के लिए दुश्मन की तरह काम करता है।
कॉफी में मौजूद कैफीन एसिड रिफलेक्स को बढ़ा देती है। वहीं, दमा के कुछ मरीजों में कॉफी का सेवन करने से फूड प्वाइजनिंग हो सकता है।
दमा के मरीजों को मूंगफली भी नहीं खाना चाहिए। इससे एलर्जी हो सकती है। हालांकि दमा के सभी मरीजों में ऐसा हो, जरूरी नहीं।
सोया और सोया से बने फूड आइटम भी दमा के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर जिस सोया को फ्रीज में रखा जाता है।