सूर्य के रहस्यों की जानकारी जुटाने की तरफ आगे बढ़ रहा है. इस मिशन के तहत आदित्य एल-1 धरती से 15 लाख किमी दूर सूर्य की ओर जाएगा.

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लांच होने के बाद इसे अंतरिक्ष में L1 प्वाइंट पर पहुंचना है. यहां से यह सूर्य के आसपास होने वाली घटनाओं के बारे में बताएगा.

पहले फेज में आदित्य एल-1 को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C57) से लॉन्च किया जाएगा. इसरो इसे धरती की निचली कक्षा में स्थापित करेगा.

इसके बाद कुछ मैन्यूवर के जरिए आदित्य एल 1 के ऑर्बिट को बढ़ाया जाएगा. जिसके बाद एल-1 की तरफ बढ़ते हुए यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकल जाएगा.

सूर्य धरती से लगभग 15 करोड़ किमी दूर है. दोनों के बीच लैग्रेंज प्वाइंट ही वो जगह है जहां से बिना किसी रुकावट के सीधे सूर्य को देखा जा सकता है.

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने एनएनआई को बताया था कि इसे एल-1 प्वाइंट तक पहुंचने में 120 दिन यानी 4 महीने के वक्त लगेगा.

एल-1 प्वाइंट पृथ्वी और सूर्य के बीच एक सीधी रेखा के बीच स्थित है. इसरो के मुताबिक इस मिशन पर कुल 400 करोड़ रुपये खर्च होंगे.