साल 1967 को तमिलनाडु में जन्में रहमान 55 साल (AR Rahman Birthday) के हो गए हैं. अपने टैलेंट से इंटरनेशनल लेवल पर भारत का मान बढ़ाने वाली इस शख्सियत को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता आरके शेखर मलयाली फ़िल्मों में संगीत देते थे।
महज़ 11 साल की उम्र से म्यूजिक के साथ वक़्त बिताने वाले रहमान की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं हैं। ए आर रहमान ऐसे पहले भारतीय हैं जिन्हें ब्रिटिश भारतीय फिल्म स्लम डॉग मिलेनियर में उनके संगीत के लिए तीन ऑस्कर नामांकन हासिल हुआ है। जन्म के समय उनका नाम ए एस दिलीप कुमार था जिसे बाद में बदलकर वे अल्लाह रखा रहमान यानि ए आर रहमान बने।
एक बार रहमान की छोटी बहन काफी बीमार पड गई और सभी चिकित्सको ने यहां तक कह दिया कि उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं है। रहमान ने अपनी छोटी बहन की सेहत और उसकी ज़िन्दगी की खातिर मंदिर-मस्जिदों में दुआयें मांगी और जल्द हीं उनकी दुआ क़ुबूल भी हो गई और उनकी बहन चमत्कारिक रूप से एकदम स्वस्थ हो गई। इस चमत्कार को देख रहमान ने इस्लाम कबूल कर लिया था।
ए आर रहमान ने 1991 में अपना खुद का म्यूजिक रिकॉर्ड करना शुरु कर दिया था। उन्हें फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम ने अपनी फिल्म रोज़ा में संगीत देने का न्यौता दिया। फिल्म म्यूजिकल हिट रही और पहली फिल्म में ही रहमान ने फिल्मफेअर जीता। 5 साल की उम्र में रहमान खुद को बेहद असफल मानते थे और रोज आत्महत्या के बारे में सोचते थे।