देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज 151 वर्षगांठ हैं। भारत देश को एकजुट बनाने में लौह पुरुष का अमूल्य योगदान रहा हैं।
31 अक्टूबर 1871 को गुजरात नाडियावाड में जन्मे वल्लभ भाई पटेल एक स्वतंत्रता सेनानी के घर में जन्मलिया था। दरशल इनके पिता जवेरभाई पटेल 1857 के आंदोलन कारी थी।
सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री बनने वाले थे, लेकिन महात्मा गांधी के इच्छा का सम्मान करते हुए इन्होंने इस पद से खुद को पीछे हटा लिया और पंडित जवाहरलाल नेहरू का समर्थन किया।
गृह मंत्री के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल की पहली प्राथमिकता देश के सभी छोटी रियासतों को भारत में मिलाना था।
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हैदराबाद को एक करने के लिए ऑपरेशन पोलो चलाया था। जिसके लिए उन्हें सेना भेजनी पड़ी थी, बाकी देसी रियासतों को एक करने के लिए उन्हें किसी प्रकार की सेना या खून खराबा करने की आवश्यकता नहीं पड़ी थी।
हैदराबाद के निजाम ने भारत में मिलने से इनकार कर दिया था लेकिन सरदार वल्लभभाई पटेल ने हैदराबाद को भी भारत में मिला लिया। हैदराबाद की कार्यवाही हो रही थी उस समय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू देश में नहीं थे।
सरदार वल्लभभाई पटेल नवंबर 1950 में पंडित जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर भारत के उत्तर में चीन के संभावित खतरे के बारे में आगाह किया था।
सरदार वल्लभभाई पटेल महात्मा गांधी से बेहद लगाव था। जब महात्मा गांधी की हत्या हुई तब इस खबर को सुनकर पटेल की सेहत भी खराब हो गई थी। महात्मा गांधी के मौत के 2 महीने बाद ही सरदार वल्लभभाई पटेल की हार्ट अटैक भी हुआ।