Face To Face MadhyaPradesh: भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के शोर के बीच कांग्रेस टूटती जा रही है। हर दिन बड़े-बड़े नेता कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। बीजेपी की ताकत बढ़ रही है, तो कांग्रेस का दम निकल रहा है। कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में भी यही स्थिति है। स्थानीय विधायक, महापौर से लेकर पूर्व विधायक स्तर के नेता कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी में आ रहे हैं। तो क्या बीजेपी इस बार कमलनाथ के गढ़ में सेंधमारी कर लेगी या फिर कांग्रेस अपना गढ़ बचा लेगी।
मिशन छिंदवाड़ा में जुटी बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसके लिए भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने छिंदवाड़ा में डेरा डाल दिया है। छिंदवाड़ा से लेकर भोपाल के भाजपा मुख्यालय में कांग्रेस के दिग्गज नेता बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। छिंदवाड़ा से लगातार कांग्रेस को झटके पर झटका लग रहा है। यानी बीजेपी अपनी रणनीति के तहत कमलनाथ को छिंदवाड़ा में कमजोर करने में जुटी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता और कमलनाथ के करीबी भाजपा में शामिल हो रहे हैं। अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह के बाद आज कमलनाथ के करीबी छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहाके ने बीजेपी का दामन थाम लिया।
–छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा से विधायक कमलेश शाह ने विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा।
–कमलनाथ के सबसे करीबी दीपक सक्सेना के बेटे अजय सक्सेना भाजपा में शामिल हुए।
–कमलनाथ के हनुमान कहे जाते हैं पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
–पूर्व नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष नंदकिशोर सूर्यवंशी, पंकज शुक्ला भी बीजेपी में शामिल हुए।
–2 नगर पालिक के सभापति, 2 पार्षद ने बीजेपी की सदस्यता ली।
–कमलनाथ के बेहद करीबी सैयद जाफर, पूर्व विधायक चौधरी गंभीर सिंह रघुवंशी पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
Face To Face MadhyaPradesh: बीजेपी ने इस बार विवेक बंटी साहू को छिंदवाड़ा में अपना प्रत्याशी बनाया है जिनका छिंदवाड़ा के ग्रामीण इलाकों में अच्छा होल्ड माना जाता है। इधर बड़ी संख्या में छिंदवाड़ा के कांग्रेसी नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी उत्साहित है। हालांकि कांग्रेस का दावा है कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ के द्वारा किया गया विकास दिखता है और इस बार भी छिंदवाड़ा की सीट कांग्रेस ही जीतेगी।
छिंदवाड़ा में इस बार कांग्रेस अपना गढ़ बचा लेगी या फिर बीजेपी अपनी सियासी रणनीति के तहत छिंदवाड़ा में कमल का फूल खिला लेगी। चुनाव के नतीजों के साथ साफ हो जाएंगे।