#FaceToFaceMP: भोपाल। कल दूसरे चरण की वोटिंग होनी है और तीसरे चरण के लिए प्रचार जारी है। जैसे-जैसे चुनावी जंग आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे जुनाबी तीर भी छोड़े जा रहे हैं। कांग्रेस और बीजेपी दोनों एक दूसरे को घेर रही है। आज पीएम मोदी ने एमपी के मुरैना में बिना नाम लिए राहुल गांधी के लिए कहा कि राहुल ने उनके लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है। राहुल गांधी को देश के पीएम के बारे में भला-बुरा कहने में मजा आता है। ऐसा करते हुए पीएम मोदी ने इस मुद्दे को कामदार VS नामदार पर ले आए। तो क्या राहुल की भाषा और शब्दों का चयन फिर सवालों के घेरे में है या फिर बीजेपी की नई रणनीति?
जैसे ही मैंने यह देश के एक्स-रे की बात की वो नरेन्द्र मोदी कांपने लग गया, उसकी आदत है जैसे ही उसको डर लगता है वो झूठ बोलना शुरू कर देता है। जैसे ही उसको डर लगता है वो कभी पाकिस्तान की बात करेगा, कभी चाइना की बात करेगा। एक के बाद एक झूठ बोल रहा है। मगर इस बार नहीं निकल पाएगा।
देश के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग अभी हुई भी नहीं है। लेकिन नेताओं के बयानों से सियासी पारा हाई है। मंच से लोगों को संबोधित करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर नामदार और कामदार के उस इमोशनल फार्मूले को चल दिया। जिसने पिछले चुनाव में बीजेपी को अच्छा खासा फायदा पहुंचाया था। दरअसल ऐसा करके मोदी ने न सिर्फ खुद को सीधे जनता से कनेक्ट करने बल्कि गांधी परिवार और आम आदमी के बीच के अंतर को भी समझाने की कोशिश की और इसकी दो वजह मानी जा सकती है। पहली ये कि पहले चरण में वोटिंग परसेंट बीजेपी की उम्मीदों से कम रहा और दूसरी वजह ये कि धर्म के नाम पर आरक्षण OBC को मौका…मंगलसूत्र…और सैम पित्रोदा के बयान बीच गर्माती सियासत में विपक्षी दल पूरी बराबरी से मुकाबला कर रहे हैं।
दरअसल ये बीजेपी की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वो खुद मुद्दे खड़े करके विपक्षियों को उसपर आने के लिए मजबूर करती है। नतीजा ये होता है कि आधी लड़ाई में ही बीजेपी विरोधियों से काफी आगे निकल जाती है। बीजेपी लगातार ऐसा पिछले कई चुनावों से कर रही है, जिसके ज्यादातर नतीजे उसके पक्ष में आए है। जबकि कांग्रेस की तरफ से गांधी परिवार के करीबी सैम पित्रोदा के बयानों से पार्टी आगे बढ़ने के बजाय बैकफुट पर पहुंच जाती है। वैसे कांग्रेस मोदी के इन बयानों को असली मुद्दों से पीछे हटने की चाल कहती है। तो बीजेपी को लगता है कि गांधी परिवार ही वो निशाना है, जिसे साधकर सत्ता की कुर्सी हासिल हो सकती है।
#FaceToFaceMP: मोदी जानते हैं कि यदि 400 पार के लक्ष्य को हासिल करना है तो न सिर्फ पुरानी सीटों को बरकरार रखना होगा बल्कि काफी नई सीटें जीतना जरुरी है। मोदी इन दिनों रोज चार कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं और लगातार अपडेट भी हो रहे है ये आप इससे ही समझ सकते हैं कि बुधवार को सुबह सैम पित्रोदा का बयान सामने आने के बाद अपनी पहली रैली में ही उन्होंने इसे लेकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया था। आखिर में याद करिए चायवाला वो बयान जिसने लोकसभा चुनावों मे मास्टर स्ट्रोक का काम किया था। तो इंतजार कीजिए कि क्या इन चुनावों में भी कोई ऐसा शब्द सामने आएगा जो पूरी बाजी कांग्रेस या बीजेपी के पक्ष में कर देगा।