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Paper Leak Law: भोपाल। नीट घोटाले पर मचे शोर के बीच मप्र सरकार ने पेपर लीक पर कड़ा कानून को लागू करने का फैसला किया है। इस नए कानून में पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान है। कानून के लिए नया बिल लाने में सरकार ने इतनी जल्दी दिखाई कि उसने विधानसभा सत्र का भी इंतजार नहीं किया। बल्कि अध्यादेश के जरिए इसे लागू करने जा रही है। इस फैसले की वजह क्या है। क्या कोई सियासी दबाव है या कोई मैसेज इसके जरिए सरकार देना चाहती है?
पेपर लीक के मामले रोकने के लिए सरकार सख्त कानून बना रही है। मध्य प्रदेश में अब भर्ती परीक्षा हो या बोर्ड का पेपर, किसी भी परीक्षा में पेपर लीक रोकने के लिए सरकार सख्त कानून लाने जा रही है। फिलहाल इसका अध्यादेश लागू हो सकता है। इसमें परीक्षा केंद्र, सर्विस प्रोवाडर कंपनी या कोई व्यक्ति जो पेपर लीक व किसी गड़बड़ी में शामिल पाया जाता है तो उसकी सीधे जवाबदारी तय होगी।
इसमें एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना और दस साल तक की सजा हो सकती है,आरोपी की प्रॉपर्टी भी अटैच या जब्त होगी, एक्ट का प्रारूप तैयार हो गया है। इसे परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा गया है। सरकार की कोशिश थी कि इसे मौजूदा विधानसभा सत्र में ही लाया जाए, लेकिन अब इसे सत्र के बाद अध्यादेश के जरिए लागू किए जाने की तैयारी है।
एक तरफ बीजेपी ने पेपर लीक पर नकेल कसने के लिए नियम कड़े किए हैं तो दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार के अध्यादेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियम कानून बनाने वाले ही वल्लभ भवन में बैठे है ये वहीं है जिन्होंने नर्सिंग कॉलेज के नियम बनाये ?क्या मंत्रियों अधिकारियों पर गाज गिरेगी?
Paper Leak Law: नीट पेपर लीक मामले को लेकर राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद व्यापम घोटाला फिर से सुर्खियों में था। नर्सिंग कॉलेज घोटाले के सामने आने के बाद बीजेपी बैकफुट पर थी। लेकिन अब पेपर लीक रोकने के लिए कानून को और कड़ा कर बीजेपी सरकार ने अपनी नीयत साफ कर दी है लेकिन कांग्रेस अब भी इस सिस्टम पर एतबार करने को तैयार नहीं है और अब कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को सड़क से सदन तक घेरने की तैयारी में है।